Home Remedies 2025 : प्राथमिक घरेलु उपचार के कुछ महत्वपूर्ण टिप्स जिसे आप छोटे बीमारियों का इलाज खुद घर से कर सकते है | घरेलु उपचार के लिए यह सामग्री लगभग सभी घर में मौजूद होते है जो आसानी से रसोई में मिल जाते है | पूरी जानकारी के लिए इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ें |
अजवायन के घरेलु उपचार ( Home Remedies of Carom Seed )
- जो ज्यादा एल्कोहल पीते हों तथा एल्कोहल वाला पेय (शराब) छोड़ना चाहते हों, वे 1/2 किग्रा अजवायन को 4 लीटर पानी में पकाकर तथा लगभग 2 लीटर बचने पर छानकर रखें, इसे प्रतिदिन भोजन के पहले 1-1 कप पीएं। इससे लिवर भी ठीक रहेगा। शराब पीने की इच्छा भी कम होगी ।
- अजवायन को हल्का भूनकर 2-3 ग्राम की मात्रा में प्रात:– सायं गुनगुने पानी या दूध के साथ लेने से सर्दी, जुकाम या पेट के रोगों में लाभ होगा। 2-3 ग्राम अजवायन को पाउडर करके छांछ के साथ लेने से पेट के कीड़े समाप्त होते हैं।
- 10 ग्राम अजवायन को 1 लीटर पानी में पकाकर 1/4 शेष रहने पर छानकर सुबह – शाम प्रसूता स्त्री को पिलाने से प्रसूतिजन्य विकार नहीं होते। इससे बढ़ा हुआ शरीर भी अपनी स्थिति में आता है।
- 10 ग्राम अजवायन को बारीक पीसकर उसमें 1/2 नींबू का रस निचोड़ कर डालें, 5 ग्राम फिटकरी पाउडर व छांछ को मिलाकर बालों में मलने से बालों की रूसी ठीक होती है, साथ ही लीखें तथा जूएँ मर जाती हैं।
- 1 चम्मच अजवाइन को एक गिलास पानी में चतुर्थांश शेष रहने तक उबालें, फिर इसे छानकर गुनगुना कर प्रातः एवं सायं भोजन के आधा घण्टा बाद या भोजन के पहले सेवन करने से अम्लपित्त में लाभ होता है।
- एक चौथाई चम्मच अजवाइन चूर्ण को प्रातः एवं सायं गुनगुने पानी के साथ भोजन के आधा घण्टा बाद सेवन कराने से शैय्या मूत्र में लाभ होता है।
- 1 चम्मच अजवाइन, आधा चम्मच हल्दी को एक गिलास पानी में चतुर्थांश शेष रहने तक उबालें। फिर इसे छानकर गुनगुना कर 1 चम्मच शहद मिलाकर प्रातः एवं सायं भोजन के बाद सेवन करने से बलगम युक्त खाँसी में लाभ होता है। यह छाती की जकड़न या छाती में जमे कफ को कम करने में भी मदद करता है।
- 20 ग्राम अजवाइन को 100 मिली सरसों के तैल में धीमी आँच पर 10 मिनट तक पकाकर छानकर ठण्डा कर सुरक्षित रख लें, फिर तेल को हल्का गर्म कर 2-2 बूँद कान में प्रातः एवं सायं डालने से बाधिर्य (बहरेपन) में लाभ होता है |
- आधा चम्मच अजवाइन का तैल, आधा चम्मच सरसों के तैल में मिलाकर गुनगुना करें। इसकी 3-4 बूँदे कान में डालने से कान के दर्द में लाभ मिलता है।
जीरा के घरेलु उपचार ( Home Remedies of Cumin Seed )
- जब कभी दस्त लगें, तब 4-6 ग्राम जीरे को हल्का भूनकर, पीसकर दही या दही की लस्सी के साथ लेने से तुरन्त लाभ होता है।
- भूना हुआ जीरा व उतनी ही सौंफ को थोड़ा भूनकर, पीसकर 1-1 चम्मच पानी के साथ दिन में 3-4 बार लेने से मरोड़ के साथ होने वाले पतले दस्त में लाभ होता है।
- 5-7 ग्राम जीरे को 400 मिली पानी में पकाकर 1/4 भाग शेष रहने पर प्रतिदिन दो बार पीने से आँतों के कृमि मर जाते हैं।
- 3-4 ग्राम जीरे को पानी में उबालकर छानकर मिश्री मिलाकर पीने से मूत्र – विकार व प्रदर रोग आदि में होता है।
- 25 ग्राम भुने हुए जीरे में 25 ग्राम साबुत धनिया मिलाकर पाउडर बना लें। फिर इसमें 50 ग्राम चीनी मिलाकर शीशी में भरकर सुरक्षित रख लें, फिर इस चूर्ण को आधा–आधा चम्मच प्रातः एवं सायं भोजन के आधा घण्टा बाद सेवन करने से हाइपर एसिडिटी में लाभ होता है।
- 1 चम्मच जीरे के चूर्ण में एक चौथाई चम्मच चीनी मिलाकर प्रातः एवं सायं सेवन करने से स्तन्याल्पता (दुग्ध की कमी) की समस्या में लाभ होता है।
- बादी बवासीर में दर्द और जलन होने पर जीरे के दानों को पानी के साथ पीसकर लेप बना लें। इसे मस्सों वाली जगह पर लगाने से लाभ होता है।
काली मिर्च के घरेलु उपचार ( Home Remedies of Black Pepper Seed )
- • खाँसी अधिक आने पर यदि सो नहीं पा रहे हों तो 1-2 कालीमिर्च मुँह में रखकर चूसते रहें, खाँसी में आराम हो जाएगा तथा नींद भी आ जाएगी।
- थोड़ा अदरक व 3-4 काली मिर्च मिलाकर काढ़ा बनाकर पीने से खाँसी में तुरन्त लाभ होता है, चाय के स्थान पर इसका प्रयोग कर सकते हैं।
- शीतपित्त होने पर 4-5 काली मिर्च पीसकर उसमें 1 चम्मच गुनगुने घी और शक्कर मिलाकर पिलाने पर लाभ मिलेगा।
- खाँसी व उसके साथ कमजोरी भी हो तो 20 ग्राम काली मिर्च, 100 ग्राम बादाम, 150 ग्राम खाँड या मिश्री मिलाकर, कूटकर पाउडर कर शीशी में भरकर रखें, 1 ग्राम प्रातः – सायं गुनगुने दूध या गुनगुने पानी के साथ लेने से पुरानी खाँसी ठीक होती है। इससे कमजोरी में भी लाभ होता है।
इलायची के घरेलु उपचार ( Home Remedies of Cardamom )
- मुंह में छाले हों तो इलायची को पीसकर शहद मिलाकर लगाने से छाले ठीक होते हैं।
- 2-3 ग्राम इलायची को पीसकर और उसमें मिश्री मिलाकर लेने से मूत्र की जलन व कम पेशाब आने की समस्या में तुरन्त लाभ होता है।
- हिचकी नहीं रुक रही हो तो 2 इलायची व 3 लौंग को पानी में चाय की तरह उबालकर पिला दें, ठीक हो जाएगी। यदि ठीक न हो तो यह प्रयोग दिन में 3-4 बार तक कर सकते हैं।
बड़ी इलायची के घरेलु उपचार ( Home Remedies of Large Cardamom )
- 1 चम्मच बड़ी इलायची दाना, 1 चम्मच मिश्री, आधा चम्मच खरबूजा के बीज को एक गिलास पानी में रातभर भिगोकर रख दें, फिर प्रातः इसे छानकर खाली पेट सेवन करने से वृक्क अश्मरी में लाभ होता है।
- 250 ग्राम बड़ी इलायची को तवे पर भूनकर चूर्ण बनाकर सुरक्षित रख लें, फिर एक चम्मच चूर्ण को 2 चम्मच शहद में मिलाकर प्रात: सांय खाली पेट सेवन करने से उच्च रक्तचाप में लाभ मिलता है।
दालचीनी के घरेलु उपचार ( Home Remedies of Cinnamon )
- दालचीनी पाचन शक्ति को बढ़ाती है और सर्दी–जुकाम, खाँसी में लाभ करती है।
- दालचीनी चूर्ण में शहद मिलाकर सेवन करने से श्वास – कास में लाभ होता है।
- आधा चम्मच दालचीनी पाउडर में आधा चम्मच शहद मिलाकर चेहरे पर 10-15 मिनट तक लगाकर सादे पानी से धो लें। यह प्रक्रिया हफ्ते में 2-3 बार दोहराने से मुँहासों की समस्या में लाभ होता है।
- आधा चम्मच दालचीनी पाउडर या 2-3 दालचीनी के टुकड़े को एक गिलास पानी में चतुर्थांश शेष रहने तक पकाएं, फिर इसे छानकर हल्का गुनगुना कर प्रातः खाली पेट सेवन करने से लिवर की सूजन में लाभ होता है।
- आधा चम्मच दालचीनी चूर्ण को आधा गिलास गुनगुने पानी में आधा चम्मच शहद मिलाकर प्रातः एवं सायं भोजन के आधा घण्टा बाद सेवन करने से स्तन्यल्पता (दुग्ध की कमी) में लाभ होता है।
- आधा चम्मच दालचीनी को 250 मिली पानी में 10-15 मिनट तक उबालें। फिर इसे छानकर ठण्डा कर 1 चम्मच शहद मिलाकर प्रातः एवं सायं खाली पेट सेवन करने से स्थौल्यता (मोटापा) कम होती है।
धनिया के घरेलु उपचार ( Home Remedies of Coriander )
- सूखा धनिया पीस लें, उससे 4 गुना मिश्री मिलाकर शीशी में भरकर रखें। 1-1 चम्मच दो बार पानी के साथ लेने से अम्ल – पित्त में अत्यन्त लाभ होता है। इससे पेशाब भी खुलकर होता है ।
- 3-4 ग्राम धनिया को 400 मिली पानी में पकाकर जब 100 मिली शेष बचे, तब छानकर शीतल कर लें, उसमें थोड़ा शहद मिलाकर पीने से रक्तप्रदर या शरीर में होने वाली गर्मी में लाभ होता है।
- 4-5 ग्राम धनिया व उसकी थोड़ी पत्तियों को पीसकर चेहरे पर लगाने से चेहरा सुन्दर एवं युवान पिड़िका व झाँइयों से रहित हो जाता है।
- 2 छोटे चम्मच धनिया पाउडर, 1 चम्मच आँवला चूर्ण को 400 मिली पानी में 100 मिली शेष रहने तक पकाएं, फिर इसे छानकर हल्का गुनगुना कर प्रातः एवं सायं खाली पेट सेवन करने से रसौली में लाभ होता है।
मेथी के घरेलु उपचार ( Home Remedies of Fenugreek )
- 1 चम्मच मेथी को रात को 1 कप पानी में भिगो दें। प्रातः उस पानी को पीकर मेथी को भी चबाकर खाएं। इससे मधुमेह में लाभ होगा व इससे होने वाली कमजोरी, वातरोगों व हृदयरोगों में भी लाभ होगा।
- मेथी, हल्दी तथा सोंठ को बराबर मात्रा में लेकर पाउडर करके रखें। 1-1 चम्मच प्रातः – सायं गुनगुने पानी या गुनगुने दूध से सेवन करें। इससे जोड़ों का दर्द व सभी प्रकार के वातरोग व सूजन में लाभ होता है।
- पुराने आर्थराइटिस के रोगियों को नियमित रूप से लम्बे समय तक इसके सेवन से आशातीत लाभ होता है।
- आर्थराइटिस व मधुमेह के रोगियों को मेथी को अंकुरित करके प्रतिदिन सेवन करने से भी लाभ मिलेगा।
- मेथी को भूनकर, पीसकर, कॉफी की तरह काढ़ा बनाकर, थोड़ा सा अदरक मिलाकर पीने से सर्दी, कफ में लाभ होता है।
- आधा चम्मच मेथी चूर्ण का सेवन गुनगुने जल के साथ प्रातः नाश्ते से आधा घण्टा पहले सेवन करने से एजोस्पर्मिया में लाभ होता है।
- 1- 2 बड़े चम्मच मेथी दानों को एक कप पानी में रातभर भिगोकर रख दें। प्रातः मेथी के दानों का पेस्ट बनाकर उसमें 1 चम्मच नींबू रस मिलाकर बालों की जड़ पर लगाकर 30 मिनट के लिए छोड़ दें, फिर बालों को हर्बलयुक्त शैम्पू से धोएं। यह प्रक्रिया हफ्ते में 1-2 बार दोहराने से रूसी में शीघ्र लाभ होता है ।
- 1 चम्मच मेथी को एक कप पानी में रातभर भिगोकर रख दें, फिर प्रात: छानकर खाली पेट मेथी के पानी का सेवन करने से कष्टार्तव एवं आमवात में लाभ होता है।
राई के घरेलु उपचार ( Home Remedies of Mustard )
- राई को बारीक पीसकर शोथयुक्त स्थान पर लगाकर पट्टी बाँधने से सूजन में लाभ होता है।
- सिर दर्द में राई को पीसकर माथे पर लेप करने से शक्ति मिलती है।
- राई के चूर्ण में सिरका ( विनेगर ) मिलाकर पीसें, इसे त्वचा रोग (दाद, खाज, खुजली) में लगाने से लाभ मिलेगा।
लौंग के घरेलु उपचार ( Home Remedies of Cloves )
- अचानक तेज सिर दर्द हो या आधाशीशी का दर्द हो तब 4-5 ग्राम लौंग को पीसकर थोड़ा पानी मिलाकर माथे (कनपटियों) पर लगाने से लाभ मिलता है।
- लौंग को हल्का भूनकर उसको चूसते रहने से खाँसी में चमत्कारी लाभ होता है।
- शरीर में कहीं भी नासूर या फोड़ा हो गया हो तो 5-7 लौंग व हल्दी को पीसकर लगाने से लाभ होता है।
- दाँत के दर्द में लौंग को दर्द वाले स्थान पर दबाने से या पाउडर करके उस स्थान पर लगाने से पीड़ा शान्त हो जाती है।
- लौंग को पानी में घिसकर पेस्ट बना लें। फिर इस पेस्ट को प्रभावित स्थान में 5-10 मिनट तक लगाकर सादे पानी से धो लें। यह प्रक्रिया हफ्ते में 2-3 बार दोहराने से मुँहासों की समस्या तथा मुँहासों से हुए दाग धब्बों में भी लाभ होता है।
- छोटे से रूई के टुकड़े में 2-3 बूँद लौंग तैल की डालकर दाँतों में 5-10 मिनट तक लगाकर रखें। यह प्रक्रिया हफ्ते में तीन बार दोहराने से कृमिदन्त में रामबाण सिद्ध होती है |
हल्दी के घरेलु उपचार ( Home Remedies of Turmeric )
- हल्दी, नमक और थोड़ा सा सरसों के तैल को मिलाकर अंगुली से प्रतिदिन मसूड़ों की मालिश करना पायरिया, मुखदुर्गन्ध व दाँतों के रोग में अत्यन्त लाभकारी है।
- 1 चम्मच हल्दी पाउडर को प्रतिदिन 1 गिलास गुनगुने दूध के साथ पीने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है। सर्दी, जुकाम आदि नहीं होते । शरीर के दर्द, चोट व पीड़ा में भी लाभ होता है।
- 1/2 चम्मच हल्दी को थोड़ा भूनकर शहद से लेने से गला बैठना या खाँसी में तुरन्त लाभ होता है।
- यदि कहीं कट या जल जाए तो हल्दी पाउडर को लगाने से रक्तस्राव बन्द हो जाता है। जले में फफोला भी नहीं पड़ता है।
- शरीर में कहीं मोच आ जाए तो एक मोटी रोटी बनाकर, उस पर सरसों का तैल व हल्दी डालकर, गर्म रोटी को मांच वाले स्थान पर बाँधने से सूजन व मोच में तुरन्त लाभ होता है ।
- चेहरे की झाँइयों या फुन्सियों में हल्दी व चन्दन और नीम की पत्तियों को पीसकर लगाने से फुन्सियाँ ठीक होकर चेहरे की सुन्दरता भी बढ़ती है।
- 2-4 चम्मच हल्दी को पानी में घोलकर पेस्ट बना लें। फिर इस पेस्ट को तलवे में 20-25 मिनट तक लगा कर गीले साफ कपड़े से साफ कर लें। यह प्रक्रिया हफ्ते में 2-4 बार दोहराने से हाथ–पैरों की जलन में लाभ होता है।
- आधा चम्मच हल्दी पाउडर में आधा चम्मच काली मिर्च पाउडर मिलाकर प्रातः एवं सायं गुनगुने पानी के साथ खाली पेट सेवन करने से कैंसर रोग में लाभ होता है।
हींग के घरेलु उपचार ( Home Remedies of Asafoetida )
- हींग को जल में घिसकर नाभि के आस–पास लेप करने से अफारा व दर्द में लाभ होता है।
- हींग को दुग्ध में घिसकर वक्ष:स्थल (छाती) पर लेप करने से सर्दी–जुकाम में लाभ होता है।
- आधा चम्मच हींग पाउडर को आधा गिलास पानी में 5-7 मिनट तक उबालें फिर इसे हल्का गुनगुना कर गरारे करें। यह प्रक्रिया हफ्ते में 1-2 बार दोहराने से कृमिदन्त में लाभ होता है ।
- 1 चम्मच दूध में एक चुटकी हींग मिलाकर 2-2 बूँद कान में डालने से कर्णबाधिर्य में लाभ होता है।
अदरक के घरेलु उपचार ( Home Remedies of Ginger )
- भोजन के आरम्भ में 3-4 ग्रास के साथ थोड़ा अदरक खाने से भूख बढ़ती है। भोजन के उपरान्त थोड़ा अदरक खाने से भोजन का पाचन होता है।
- 2 चम्मच अदरक के रस में थोड़ा शहद मिलाकर लेने से सर्दी, जुकाम व खाँसी में लाभ मिलेगा।
- यदि ठण्ड से दाँत में दर्द हो तो एक टुकड़ा अदरक को दाँत में दबाकर रखने से तुरन्त लाभ मिलेगा।
- अदरक को भूनकर इसे चूसने से खाँसी में लाभ होता है।
- 2-3 ग्राम सोंठ पाउडर में 1/2 या 1 ग्राम दालचीनी मिलाकर दूध या पानी के साथ लेने से हृदयशूल ( एञ्जायना) में लाभ होता है, यह हृदय को ताकत प्रदान कर पाचन प्रक्रिया को भी ठीक रखता है।
- अदरक के रस में नींबू का रस मिलाकर पीने से मन्दाग्नि दूर होकर भूख बढ़ती है।
- 2 गिलास पानी में 5 ग्राम अदरक को कूटकर और उसे उबालकर थोड़ा नींबू व शहद डालकर प्रातः खाली पेट गर्म–गर्म पीने से मोटापा कम होता है।
- 1 चम्मच अदरक जूस में 4 चम्मच नारियल तैल मिलाकर पैरों में 20 मिनट तक मालिश करने से हाथ–पैरों की जलन में लाभ होता है।
- कुटे हुए एक छोटे अदरक के टुकड़े को एक कप पानी में 5 मिनट तक उबालें, फिर इसे छानकर 1 चम्मच शहद मिलाकर प्रातः एवं सायं खाली पेट या भोजन के बाद सेवन करने से लिवर सिरोसिस में लाभ होता है।
- आधा चम्मच अदरक रस, 3-4 तुलसी की पत्तियों में आधा चम्मच शहद के साथ मिलाकर प्रात: एवं सायं भोजन के बाद सेवन करने से गले का कफ साफ होता है।
- 1 छोटा चम्मच अदरक रस में एक चुटकी दालचीनी पाउडर, एक चुटकी हल्दी, 1 चम्मच शहद मिलाकर इस मिश्रण का दिन में कम से कम तीन बार सेवन करवाने से बालातिसार में लाभ होता है।
नींबू के घरेलु उपचार ( Home Remedies of Lemon )
- नींबू के रस में शहद मिलाकर चेहरे पर लगाने से (ब्लीचिंग करने से चेहरे के कील–मुहासों में लाभ मिलेगा।
- 10 मिली नींबू रस में प्याज का रस 20 मिली व इच्छानुसार शहद मिलाकर पीने से लिवर के रोग, मन्दाग्निव अजीर्ण में लाभ होता है।
- नींबू के रस में थोड़ा अदरक व थोड़ा नमक मिलाकर भोजन के साथ लेने से भूख बढ़ती है। इससे पाचन क्रिया भी सुधरती है।
- गाड़ी में यात्रा करते समय जिन्हें उलटी होती हो या जी मिचलाता हो, उन्हें थोड़ा नमक लगाकर नींबू चूसने से लाभ होगा।
- 1- 2 चम्मच नींबू रस को एक गिलास गुनगुने पानी में मिलाकर प्रातः एवं सायं खाली पेट सेवन करने से पित्ताशयगत शोध में लाभ होता है।
प्याज के घरेलु उपचार ( Home Remedies of Onion )
- कान दर्द या नजला में कच्चे प्याज को गुनगुना कर उसका रस निकालकर 4-4 बूंद कान या नाक में डालने से तुरन्त लाभ होता है।
- एक पोट्टली में 8-10 प्याज बाँधकर घर के बाहर टांगने से हवा से फैलने वाले अनेक तरह के बैक्टीरिया व वायरस से बच्चों को बचाने में सहयोग मिलता है।
- छोटी माता या बड़ी माता रोग हो जाय तो 1-1 चम्मच प्याज के रस में 2-3 काली मिर्च पीसकर कुछ दिन तक दिन में 2-3 बार पिलाने से ठीक होता है, बाद में उसके निशान भी नहीं रहते हैं।
- कच्चे प्याज को गर्म करके फोड़े आदि में बाँधने से तुरन्त पीड़ा का शमन होता है तथा फोड़ा पक जाता है एवं उसका मवाद भी आराम से निकल जाता है।
- पेट में दर्द होने पर पानी में प्याज का रस, नींबू का रस व नमक मिलाकर पिला दें, तुरन्त राहत मिलेगी।
लहसुन के घरेलु उपचार ( Home Remedies of Garlic )
- 1 पोथी लहसुन को टुकड़े करके रात को पानी में भिगो दें। प्रातः काल खाली पेट लेने से कॉलेस्ट्राल, हृदय रोग व सन्धिवात में लाभ मिलेगा।
- 50 ग्राम लहसुन को कूटकर सौ ग्राम सरसों के तैल, तिल के तैल या जैतून के तैल में पकाकर, छानकर रखें। इसके प्रयोग से सृजन व दर्द में लाभ होता है।
- कान दर्द होने पर इस तेल की 3-3 बूँद कान में भी डाल सकते हैं।
- जहाँ ऑक्सीजन की कमी हो, वहाँ पर एक लहसुन को ताबीज की तरह गले में लटकाकर रखने से राहत मिलती है।
- 1- 2 कली लहसुन की कूटकर 1 चम्मच शहद के साथ मिलाकर प्रातः एवं सायं भोजन के आधा घण्टा बाद सेवन करने से शुक्राणुनाश एवं शुक्राणुअल्पता में लाभ होता है।
- 2 चम्मच लहसुन रस को 20 मिली ऐलोवेरा जूस में 40 मिली पानी के साथ मिलाकर प्रातः एवं सायं खाली पेट सेवन करने से कैंसर में लाभ होता है।
घृतकुमारी (एलोवेरा) के घरेलु उपचार ( Home Remedies of Aloevera )
- कटे हुए या जले हुए स्थान पर उसी समय एलोवेरा जेल या रस लगाने से फफोला नहीं पड़ता, रक्त रुक जाता है तथा जख्म जल्दी ठीक हो जाता है।
- 4-6 चम्मच एलोवेरा रस प्रतिदिन पीने से पेट के समस्त रोगों व शरीरगत कमजोरी में लाभ होता है।
- एलोवेरा जेल को चेहरे पर लगाने से चेहरे की कान्ति बढ़ती है तथा झाँइयां, कील, मुँहासों में लाभ होता है। हाथ–पैरों की रूक्षता में एलोवेरा जेल लगाने से तुरन्त लाभ होता है।
शहद के घरेलु उपचार ( Home Remedies of Honey )
- आधा चम्मच दालचीनी पाउडर एवं एक चम्मच शहद के नियमित प्रयोग से रोगप्रतिरोधक क्षमता की वृद्धि होती है एवं यह साइनस और तीव्र जुकाम में भी लाभदायक है।
- आँखों की ज्योति बढ़ाने के लिए 2 चम्मच शहद को गाजर के रस में मिलाकर नियमित सेवन करें।
- सर्दी-जुकाम, खाँसी में 2 चम्मच शहद और उसके बराबर मात्रा में अदरक रस मिलाकर बार–बार चाटें।
- काली मिर्च पाउडर, शहद और अदरक रस बराबर मात्रा में, नित्य दिन में तीन बार लेने से श्वास, कास में आराम मिलता है।
पंचामृत के घरेलु उपचार ( Home Remedies of Panchamrit )
- गिलोयरस 10 से 20 मिली, घृतकुमारी स्वरस 10 से 20 मिली, गेहूँ के ज्वारे 10 से 20 मिली, तुलसी 5 पतं तथा नीम 7 पत्ते प्रातः एवं सायं खाली पेट सेवन करने से कैंसर से लेकर सभी असाध्य रोगों में अत्यन्त लाभ होता है यह पंचामृत शरीर की शुद्धि व रोगप्रतिरोधक क्षमता के लिए अत्यन्त लाभकारी है।
गिलोय के घरेलु उपचार ( Home Remedies of Giloy )
- सर्दी जुकाम, बुखार आदि में एक अंगुल मोटी व 4 से 6 इंच लम्बी गिलोय लेकर 400 मिली पानी में उबालें, 100 मिली रहने पर पिएं। यह रोगप्रतिरोधक क्षमता ( इम्यून सिस्टम) को मजबूत कर त्रिदोष का शमन करती है। व सभी रोगों, बार–बार होने वाली सर्दी–जुकाम, बुखार आदि को ठीक करती है।
- 5 से 7 गिलोय के तने को 400 मिली पानी में उबाल लें, फिर 100 मिली शेष रहने पर छानकर गुनगुना होने पर प्रातः एवं सांय खाली पेट सेवन करने से अम्लपित्त में लाभ होता है।
- 10 मिली गिलोय, 10 मिली आँवला जूस को 40 मिली गुनगुने पानी में मिलाकर प्रातः एवं सायं खाली पेट सेवन करने से कैंसर रोग में लाभ होता है।
- गिलोय की ताजी डण्डियों (तने) के 2-3 छोटे टुकड़े कर 400 मिली पानी में चतुर्थांश शेष रहने तक उबालें फिर इसे छानकर गुनगुना कर प्रातः एवं सायं खाली पेट सेवन करने से मस्कुलर डिस्ट्रॉफी और डेंगू फीवर लाभ होता है।
तुलसी के घरेलु उपचार ( Home Remedies of Basil )
- प्रात:काल खाली पेट 5 से 10 ताजा तुलसी के पत्ते पानी के साथ लें। इसमें प्रचुर मात्रा में एन्टी–ऑक्सीडेन्ट होते हैं। यह रोगप्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर सर्दी–जुकाम बुखार से लेकर कैंसर तक में लाभकारी है।
- 10-15 तुलसी की पत्तियों को पानी में पीसकर लेप (पेस्ट) बनाकर एक चुटकी हल्दी मिलाकर चेहरे पर 10-15 मिनट तक लगाकर सादे पानी से धो लें। यह प्रक्रिया हफ्ते में 2-3 बार दोहराने से मुँहासों की समस्या में अवश्य लाभ होता है।
- 4-5 तुलसी के पत्ते, एक छोटा टुकड़ा अदरक को एक कप पानी में 5 मिनट तक उबालकर छानकर गुनगुना कर प्रातः एवं सायं भोजन के बाद या भोजन से आधा घण्टा पहले सेवन करने से मानसिक तनाव कम होता है।
बेल के घरेलु उपचार ( Home Remedies of Wood Apple )
- 1 चम्मच बेलपत्र रस में आधा चम्मच शहद मिलाकर प्रातः एवं सायं भोजन के बाद सेवन करने से कफ युक्त खाँसी में लाभ होता है।
- बेल के पत्तों में एक काली मिर्च रखकर प्रातः खाली पेट दो सप्ताह तक सेवन करने से वृक्काश्मरी (किडनी स्टोन) में लाभ होता है।
- 1 चम्मच बेल फल के गुदे को एक गिलास पानी में अच्छे से मिला लें। इस मिश्रण का प्रतिदिन सेवन करने से लाभ होता है।
नाशपाती के घरेलु उपचार ( Home Remedies of Pear )
- प्रतिदिन 1-2 नाशपाती का सेवन करें क्योंकि नाशपाती में पेक्टिन नामक प्राकृतिक यौगिक पाया जाता है जो पित्ताशयगत पथरी को नरम बनाने में मदद करता है ताकि पित्ताशय से अश्मरी आसानी से बाहर निकल सके।
मूली के घरेलु उपचार ( Home Remedies of Radish )
- 20 मिली मूली के ताजे पत्तों का रस प्रातः खाली पेट सेवन करने से पित्ताशय की पथरी में लाभ होता है। प्रक्रिया 15 दिन तक दोहरा सकते हैं।
- हेपेटाइटिस रोग में मूली के पत्ते का रस या मूली का रस पीने से काफी लाभ मिलता है। यकृत् में मौजूद असामान्य मात्रा के बिलीरुबीन को निकालने में मदद करता है। हेपेटाइटिस के रोगी को दिन में कम से कम एक गिलास मूली के रस का सेवन करना चाहिए। हेपेटाइटिस बी. के रोगी में यह नुस्खा रामबाण की तरह कार्य करता है।
कलौंजी : 50 ग्राम कलौंजी को 250 मिली सरसों के तैल में 15-20 मिनट पकाकर छानकर सुरक्षित रख लें। फिर इस तैल को हल्का गुनगुना कर प्रतिदिन प्रातः प्रभावित स्थान पर मालिश करने से लकवा रोग में लाभ होता है।
सफेद तिल : 20 ग्राम सफेद तिल, 20 ग्राम जौ को पीसकर उसमें 40 ग्राम खाण्ड मिलाकर सुरक्षित रख लें, फिर 1 चम्मच चूर्ण में आधा चम्मच शहद मिलाकर प्रातः एवं सायं सेवन करने से गर्भाशय मजबूत होता है।
भुट्टे के बाल : भुट्टे के रेशों को 400 मिली पानी में 100 मिली शेष रहने तक उबालें। फिर इसे छानकर गुनगुना कर प्रातः एवं सायं खाली पेट सेवन करने से प्रोस्टेट की समस्या में लाभ होता है।
करेला : करेले की पत्तियों को पानी में पीसकर पेस्ट बनाकर पैरों के तलवे में 20 मिनट तक लगाकर गीले कपड़े से साफ कर लें। यह प्रक्रिया हफ्ते में 2-3 बार दोहराने से हाथ–पैरों की जलन में लाभ होता है। एक कप ताजे करेले के जूस का सेवन प्रातः खाली पेट सेवन करने से मधुमेह (डायबिटीज) में लाभ होता है ।
अमरूद की पत्तियाँ : अमरूद की 1-2 ताजी पत्तियों को चबाकर खाएं। ऐसा करने से कृमिदन्त के कारण हुए दर्द में शीघ्र लाभ होता है।
सैन्धा नमक : एक कप गुनगुने पानी में आधा चम्मच नमक मिलाकर गरारे करने से कृमिदन्त में लाभ होता है। 1 चम्मच सैंधव लवण को एक गिलास गर्म पानी में मिलाकर प्रातः एवं सायं खाली पेट सेवन करने से पित्ताशयगत अश्मरी में लाभ होता है।
मुनक्का : 2-4 मुनक्कों (बीज निकालकर ) का प्रातः एवं सायं खाली पेट सेवन करने से शुक्राणु अल्पता में लाभ होता है।
जायफल : आधा चम्मच जायफल पाउडर को गुनगुने दूध या गुनगुने पानी के साथ प्रातः नाश्ते से आधा घण्टा पहले सेवन करने से एजोस्पर्मिया में लाभ होता है। जायफल को पानी में घिसकर शिशु को सेवन कराने से अतिसार में अवश्य लाभ होता है।
काले तिल : 1 चम्मच काले तिल को 2-3 घण्टे के लिए पानी में भिगोकर रखें, फिर इसका पेस्ट बनाकर प्रतिदिन 1 चम्मच शहद के साथ खाली पेट सेवन करने से एनीमिया में लाभ होता है।
गुड़ : भूने हुए चनों में गुड़ मिलाकर प्रातः या सायं भोजन के आधा घण्टे बाद सेवन करने से एनीमिया में शीघ्र लाभ होता है।
केसर : एक चुटकी केसर को गुनगुने गाय के दूध के साथ सायं भोजन के बाद सेवन करने से एंग्जायटी में लाभ होता है।
चिरौंजी : 10-15 चिरौंजी के दानों को 2 चम्मच कच्चे दूध में 2 घण्टे तक भिगोकर पेस्ट बना लें, फिर इस पेस्ट को चेहरे पर 15-20 मिनट तक लगाकर हल्के गुनगुने पानी से धो लें। यह प्रक्रिया हफ्ते में 1-2 बार दोहराने से मुँहासों की समस्या में लाभ होता है और चेहरा चमकदार एवं सुन्दर हो जाता है।
नीम : 20-25 नीम की पत्तियों को पानी में पीसकर एक चौथाई चम्मच हल्दी पाउडर मिलाकर चेहरे पर 15-20 मिनट तक लगाकर सादे पानी से धो लें। यह प्रक्रिया हफ्ते में 1-2 बार दोहराने से मुँहासों की समस्या में लाभ होता है। 7-8 नीम के ताजे पत्तों को पीसकर रस निकाल लें। फिर इस रस को प्रभावित स्थान पर 3 मिनट तक लगाकर गुनगुने पानी से गरारे कर लें। यह प्रक्रिया हफ्ते में 1-2 बार दोहराने से कृमिदन्त में लाभ होता है।
पुदीना : पुदीने के पत्तों को पानी में पीसकर पेस्ट बना लें। फिर इस पेस्ट को प्रभावित स्थान पर 10-15 मिनट तक लगाकर चेहरे को सादे पानी से धो लें। यह प्रक्रिया हफ्ते में 1-2 बार दोहराने से मुँहासों की समस्या में लाभ होता है।
सौंफ : 1 चम्मच सौंफ, आधा चम्मच मिश्री मिलाकर भोजन के बाद सेवन करने से सुस्ती व आलस्य दूर होते हैं। आधा चम्मच सौंफ को एक कप पानी में 5 मिनट तक उबालें फिर इसे छानकर गुनगुना कर आधा चम्मच शहद मिलाकर प्रातः एवं सायं भोजन के आधा घण्टे बाद सेवन करें। माताओं में दूध बढ़ाने के लिए सौंफ का काढ़ा उपयोगी है।
आँवला : 50 मिली आँवला रस में 1 ग्राम बहेड़ा चूर्ण एवं 1 ग्राम जीरा चूर्ण मिलाकर प्रातः एवं सायं खाली पेट सेवन करने से अम्लपित्त में लाभ मिलता है। आधा चम्मच आँवला चूर्ण का सेवन प्रातः एवं सायं गुनगुने पानी के साथ खाली पेट सेवन करने से कृमिदन्त में लाभ होता है।
लौकी : 500 ग्राम लौकी, पुदीना पत्र 7, तुलसी पत्र 7 – इन सभी को मिलाकर रस निकालकर प्रतिदिन प्रातः काल खाली पेट सेवन करने से अम्लपित्त का शमन होता है। 20 मिली लौकी जूस, 20 मिली गिलोय जूस, 10 मिली ज्वारे के रस में 40 मिली पानी मिलाकर प्रातः एवं सायं खाली पेट या भोजन से आधा घण्टा पहले सेवन करने से एनीमिया में लाभ होता है। 20 मिली लौकी जूस में 40 मिली गुनगुना पानी मिलाकर प्रातः खाली पेट सेवन करने से यूरिक एसिड कम होता है और गठिया के दर्द में लाभ होता है।
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